आजकल यह आम धारणा है की जिम जाने की सबसे कम आयु कौन-सी है| वास्तविक तौर पर व्यायाम शरीर के अंगों की प्राकृतिक गतिविधि है |शिशु जन्म के पहले ही वर्ष में क्षमता, शक्ति और लचीलापन विकसित कर लेता है| बच्चा लेटे-2 ही अपनी भुजाएं और टांगें लगातार कई मिनटों तक बिना थकावट के हिलाता रहता है परन्तु यदि कोई युवा इस तरह से अपनी भुजाएं और टांगें हिलाना शुरू कर दे तो वह अवश्य ही थक जाएगा | रेंगना, चलना, साइकिलिंग और दौड़ना सभी जिमिंग एक्सरसाइज़ है जहाँ मांसपेशियां पूरी ताकत लगाती है|
अगर बच्चों के दौड़ने, चलने,तैरने,साइकिलिंग करने की कोई उम्र नही है तो फिर जिम जाने की आयु-सीमा क्यों है| अगर आप जिम एक्सरसाइज़ की मूवमेंट्स की और देखे तो आप आसानी से निरीक्षण कर सकते है की वह सभी गतिविधियाँ साधारण और प्राकृतिक है | मूवमेंट्स जैसे कि:- पुश-अप,चिन-अप्स, फ्रंट प्रैस, barbell curls आदि बायो मेकैनिकल मूवमेंट्स है, जहाँ मांसपेशियां पेशी समूह के बायोलॉजिकल मूवमेंट्स के साथ जोर लगती है| यह मांसपेशियों कि मजबूती, जोड़ो पर कम दबाव का काम करती है जबकि कुछ खेल जैसे कि कुश्ती,कबड्डी ,बॉक्सिंग और सभी बॉल और रैकेट गेम्स को अगर हाई इंटेंसिटी से खेल जाए तो चोट लगने कि संभावना होती है | इन खेलों में यह निश्चित नही कि अगली मूवमेंट क्या होगी और कौन सी मसल , जोड़ पर दबाव पड़ेगा | इसके लिए शरीर कि निश्चित असाधारण गतिविधियों जैसे रोटेशन, रोइंग, circumduction, dorsiflexion आदि करने पड़ते है | इनसे अवांछित मोच और दर्द हो सकते है | जबकि जिम एक्सरसाइज़ मूवमेंट्स बहुत साधारण बल लगाने वाली होती है और मांसपेशियों के फैलाव में मदद करती है |
आजकल 14 साल कि कम आयु के बच्चों में आम समस्या पाई जाती है वो है उनमे एकाग्रता, गंभीरता,स्थिरता ,संतुलन ,सुरक्षा,जागरूकता आदि कि कमी है| और इस वजह से उन्हें अनचाही दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है परिणामस्वरूप उन्हें जिम एक्सरसाइज़ से ड्राप ऑफ करना पड़ता है | जिम में किये जाने वाले व्यायाम कुछ बोरिंग होते है जो शायद युवको को लम्बे समय तक जिम में रहने के लिए आकर्षित नही कर सकते | यह तो जिम ट्रेनर का कर्तव्य है कि वह कसरतों को ज्यादा मनोरंजक बनाए और जिम में आने वाले नए युवको को व्यायाम कि बुनयादी , सुरक्षित और सही मूवमेंट्स सिखाये , ताकि वो सही तकनीक सीख सके |यह बहुत बढ़िया बात है कि आजकल बाज़ार में बहुत सारी जिम मशीने आ चुकी है और जिम में जो शारीरिक क्रियायों कि गतिविधियाँ भी सुरक्षित रूप से मैकेनिकल मशीनो के एक्शन के अनुसार होती है |यह सलाह दी जाती है कि 14 वर्ष कि आयु ही जिम जाने कि उचित आयु है जब जिम के द्वारा मिलने वाले लाभ बिना समस्या के प्राप्त हो सकते है |इस आयु में स्त्री और पुरुष में नेचुरल हार्मोन का फ्लो बढ़ जाता है और जिम एक्सरसाइज़ से प्राप्त प्राकृतिक विकास स्त्री और पुरुष दोनों के लिए लाभदायी होता है क्योंकि दोनों को मज़बूत ,शक्तिशाली ,मस्कुलर ,लीन और स्वस्थ काया प्राप्त होती है |इस बात का ध्यान रहे कि बच्चे मानसिक रूप से स्वस्थ हो और उन्हें किसी योग्य ,मान्यता प्राप्त और प्रेरित ट्रेनर के अंतर्गत ही ट्रेनिंग दी जाए |यह उनके लिए उचित और लाभदायी होगा |
तमन्ना शर्मा
नुट्रिशन एक्सपर्ट