बॉडी बिल्डर बने मज़दूर नहीं |

बॉडी बिल्डर बने मज़दूर नहीं

जब हम जिम में जाने की बात करते है तो इसका मतलब ये नही है की हम मजदूरों की तरह काम करे और लिफ्टिंग, पुशिंग, पुलिंग ,हैंगिंग,ग्रिपिंग और अन्य भारी भरकम व्यायाम करके मांसपेशियों को सजा दे वह भी केवल एक ही उद्देश्य से की इन सब के करने से मांसपेशियां मजबूत होंगी | प्राचीन समय में लोग अखाड़ों में घंटों दंड बैठक जैसी गतिविधियाँ किया करते थे | इन गतिविधियों यानी कसरतों में खेतों में खुदाई करने, घंटों भागने,हजार से अधिक बैठके, पुश-अप्स और कई असाधारण गतिविधियाँ शामिल है जो की शक्ति,क्षमता(स्टैमिना) और मजबूती पाने के लिए की जाती थी | जिस तरह मज़दूर सारा दिन सामान्य भार उठा सकते है परन्तु उन्हें फिर भी हमेशा हैवी सिंगल वेट को उठाने के लिए अपने दूसरे साथियों की भी जरुरत होती है | इससे सिद्ध होता है की मज़दूर ज्यादा शक्तिशाली और स्वस्थ नही होते |ज्यादातर श्रमिक 7 -10 दिन से ज्यादा काम नही जाते क्योंकि अगर वे सामान्य से ज्यादा काम करते है तो बीमार पड़ जाते है और ज्यादा काम या फिर शरीर जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल करने जैसी समस्याओं को लेकर डॉक्टर के पास जाते है | इन समस्याओं से शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है| दूसरी और वे लोग जिन्हें थोड़े समय के लिए कुछ सेट्स क लिए हैवी वेट उठाने की ट्रेनिंग दी जाती है वे ज्यादा ताकतवर , मजबूत और सेहतमंद होते है | एक व्यक्ति 300 से 500 पहलवानी बैठकें निकालनेकी तुलना में वेट सकोएट्स को 8 से 12 बार दोहरा कर 3 सेट्स के साथ बेटर मस्कुलर और पावर बेनिफिट्स प्राप्त करतेहै |इसी प्रकार से 100 मीटर की दौड़ की शार्ट स्पैल आपको 5 -10 हजार मीटर की लॉन्ग स्पैल की तुलना में ज्यादा ताकतवर बनती है |हर सेट की एक्सरसाइज़ के पहले और बाद में आराम करने की पर्याप्त मात्रा का ध्यान रखे ताकि आप अगला सेट ज्यादा ताकत से कर सके | हमे कुछ व्यायाम जैसे ट्रेडमिल ,साइकिलिंग ,क्रॉस ट्रेनर ,रोइंग आदि पर अधिक समय नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इन पर ज्यादा समय लगाने से जोड़ों का अधिक इस्तेमाल होता है और जोड़ों तथा मांसपेशियों में दर्द की समस्या हो सकती है व्यक्ति को ऊपर दी गयी कसरतें वैकल्पिक दिनों पर करनी चाहिए और धीरे-धीरे दो - तीन महीनो में इनका समय 5 से 10 मिन्ट बढ़ाना चाहिए | यह आपको सारे गैजेट्स और उपकरणों जो की शरीर के ज्यादातर जोड़ों और मांसपेशियों को कवर करते है उन्हें इस्तेमाल करने में मदद करेगा |अगर आप रोज 30 मिनट अकेले ट्रेडमिल पर ही व्यतीत करते है तो यह आपकी बहुत बड़ी भूल होगी क्योंकि इससे आपको चोटें लग सकती है और अंत में आप व्यायाम करना भी छोड़ देंगे | मेरा इस आर्टिकल को लिखने का उद्देश्य यह है कि आपको सभी फिटनेस फ्रीक्स के बारें में जानकारी देना है ताकि आप रेस्ट और पॉज की थ्यूरी को फॉलो कर सके जो की आपको कई सालों तक फिट लाइफस्टाइल प्रदान करेगा वो भी बिना चोट के | ध्यान रहे की ओवर ट्रेनिंग, ओवर यूज़ ऑफ़ जोआइंट्स और थकावट वाली सभी क्रियाओं से परहेज करे|

तमन्ना शर्मा नुट्रिशन एक्सपर्ट

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