यह एक सच्चाई है की कोई भी थोड़ी कामयाबी हासिल कर लेता तो अपने आप को गुरु कहलाने लग पड़ता है। पुराने ज़माने में गुरु ऐसे व्यक्ति को कहते थे जो आपको एक सही राह बिना भेदभाव के, बिना लालच के, बिना पक्षपात के और अपने योग्यता अनुसार बताते है। परंतु आज कल के अपने आप को गुरु बताने वाले अज्ञानी गुरु आपने शिष्यो को ज्यादातर ऐसे कुंए में धकेल देते हे जहां पर पहुच कर वापिस नहीं आया जा सकता और सारी उमर पछतावा रहता है। गुरु चाहे पढाई में हो या अध्यात्म में, ज्ञान में या खेल में पूरी तरह परिपक्व होना चाहिए। अज्ञानी गुरु अगर गलत बाते दावे के साथ थोपने की कोशिश करे तो समझदार शिष्य को नहीं पचती। ऐसे में गुरु के प्रति अविश्वास उत्पन्न हो जाता है और गुरु के शिष्यो में कमी आती जाएगी । गुरु के गलत काम भी ज्यादा देर तक नहीं चलते और जल्दी ही बदनामी हो जाती है और चेले भाग जाते है। जो गुरु अपना लालच रख कर शिष्यो के अटूट विश्वास की परवाह न कर विभिन्न प्रकार के गलत काम करवाते हे उन्हें गुरु घंटाल कहते है। ऐसे गुरु घंटाल फिटनेस तथा बॉडी बिल्डिंग में बहुत घूम रहे है और थोड़ी सी बॉडी बना कर चेले पालने शुरू कर देते है। फिटनेस ज्ञान तो उनका अपनी बॉडी तक ही सिमित रहता है और जो उन्हों ने कभी किया होता है या कर रहे होते हे वह सभी वह सब को करवाना शुरू कर देते है।अगर वह स्टेरॉयड्स व् अन्य दवाईया ले रहे होते है वो भी अपने चेलो को खूब देना शुरू करदेते है। ज्यादातर वह बाजार से सस्ता सामान खरीद कर चेलों को कही महँगा बेचते हे और अपनी जेब भरते है।अच्छे शारीर के दीवाने अपने शातिर गुरु पर पूरा विश्वास करके अपने मुश्किल से प्राप्त किये गए पेसे और सेहत बर्बाद करते है। ये थोड़ी सी अच्छी बॉडी वाले ठग गुरु अपनी बॉडी दिखाकर जाने या अपने आप को ज्ञानी बताने वाले अपने चेलो को लूटते है और बीमार बनाने तक से नहीं चूकते। ज्यदातर ये गुरु थोड़ी या चैम्पस वाली बॉडी वाले या कुछ ऐसे लोग जिन्हों ने एक दूसरे को देख कर पैसे खर्च कर के छोटा या बड़ा जिम या हेल्थ क्लब खोल लिया होता है। ये अधूरा अपरिपक्व ज्ञान या तो नेट से या कुछ अध्यन करके अर्जित किया जाता है। ये अधूरा ज्ञान फायदें मन्द कम और नुकसानदेह ज्यादा हो सकता है। सबसे खतरनाक बात ये है कि ये जिम गुरु बिना किसी मेडिकल ज्ञान के विभिन्न प्रकार की दवाये, स्टेरॉयड्स तथा महँगी सप्लीमेंट्स पुरे धड़ले से छोटे छोटे बच्चों को दे रहे होते हे और उन्हें लूटते है। मैं इन गुरुओ से ये पूछना चाहता हूँ क्या वह ये सब अपने भाई या बेटे को भी दे सकते है। ऐसा करने के लिए वह हज़ार बार सोचेंगे । मुझे गुरु नाम से चिढ़ है क्योकि कोई भी अपने आप को फिटनेस गुरु लिख लेता है। मुझे फिटनेस व् बॉडीबिल्डिंग से पिछले 45 वर्ष से लगाव् है और थोडा बहुत पढ़ कर व् सीख कर और कुछ अपने बॉडीबिल्डिंग साथिओ के ऊपर अध्यन से कुछ ज्ञान हासिल किया है। जो मै एक गुरु न होकर एक गाइड के तोर पर सेहत के दीवानो के साथ शेयर कर रहा हूं और सदा अपनी इस क्रिया से लगातार ज्ञान हासिल करता रहूँगा और जो कुछ आता है वह ज्ञान बांटता रहूँगा । डॉ. रणधीर हस्तीर