खिलाड़ियों में क्यों कम हो गई खेल भावना ?

खिलाड़ियों में क्यों कम हो गई  खेल भावना ?

कोई जमाना था एक मेडल या ख़िताब के लिए पूरा साल मेहनत करते थे, और अब खेल के ग्लैमर में रहने के लिए सारा साल ड्रग्स और अनावश्यक सप्लीमेंट पर रहतें है! क्या आपने कभी किसी फुटबॉल ,क्रिकेट , बास्केटबॉल , हॉकी , वालीबॉल , कुश्ती , वेट लिफ्टिंग , पावर लिफ्टिंग , बॉक्सिंग, एथलेटिक आदि खेल मे जिला या राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर किसी इनामी राशि के लिए लड़ते या तैयारी करते देखा है ! ये सब या और भी ऐसे कई खेल है जिन्हें खेल की तरह और पूरी खेल भावना से खेला जाता है ! एक मेडल या सर्टिफिकेट के लिए पूरा जोर लगाया जाता है ! इसी कारण सभी खेलो में कुछ टलेंटेड खिलाड़ी ही खेलो में जाते है ! और जीते हुए मेडल की और सर्टिफिकेट की पूरी कदर होती है ! और किसी खिलाडी से पूछा जाए तो वो हमेशा कहता है की उसने गोल्ड , सिल्वर या ब्रॉन्ज़ मेडल जीता ना की पैसे जीते ! इन्ही जीते हुए मेडल्स की चाहे वो जिला या ओलम्पिक स्तर के हो की सरकारी तोर पर मान्यता मिलती है !

… परन्तु बॉडी बिल्डिंग खेल एक ऐसे शरीरक और स्वस्थ खिलवाड़ की तरफ बढ़ता जा रहा है की आप सोच भी नहीं सकते . छोटे से छोटे कम्पटीशन के लिय इनामी राशि रखी जाती है और जिन बॉडीबिल्ड्र्स के पास कम टेलेंट भी हो वो भी तैयारी के लिए जुट जाते है … और ये तैयारी कुछ और न हो कर खतरनाक ड्रग्स और नशो की तरफ धकेलना है ! तरह तरह के अपने आप को कहने वाले इस खेल के गुरु , महा गुरु , कोच और बेचारे बॉडी लवर्स को अपने स्वार्थ के लये उनकी जेबे काट रहे है और साथ में दे रहे है ऐसी जिंदगी जिसमे सदा के लिए कोई न कोई बीमारी जो उनको बॉडीबिल्डिंग से दूर ले कर जा रही है !

.. आप सोचो पैसे और टाइटल जितने के लालच में ऐसे लोगो को महंगे सप्लीमेंट , हार्मोन्स , स्टेरॉयड्स तथा महंगी वाली खास पर्सनल ट्रेनिंग दे कर लूटा जाता है ! और हर थोड़े से भी अच्छे शरीर वाले को चैंपियन बनने के स्वपन दिखाए जाते है और लूटा जाता है ! परन्तु वही आगे आता है जिस के पास कुदरती टेलेंट होता है ! मैं ये बात साफ कर देना चाहता हु के चैंपियन इसलिए चैपियन नहीं है कि वो कोई खास ट्रेनिंग करता है या कोई खास सप्लीमेंट या ड्रग्स या ग्रोथ हॉर्मोन लेता है परन्तु वह इसलिए चैंपियन है की उसके पास दूसरों से कही ज्यादा अच्छा कुदरती जेनेटिक्स , बनावट , हालत, किस्मत और वातावरण है.

.. मेरी अपनी राय है की हमें खेल को खेल ही रहने देना चाहिए और बिना बात के इनामी राशि नहीं रखनी चाहिए ! ठीक है राष्ट्रीय स्तर पर अछा इनाम रखना चाहिए परन्तु पैसे नहीं रखने चाहिए ! और इनामी राशि या प्राइज पहले से अनाऊंस नहीं करने चाहिए ! इस तरह तो खेल प्रोफेशनल हो जाएगा और एक लाख जीतने के लये पच्चासो लोग आकर्ण ही अपने या अपने माँ बाप के मुश्किल से कमाए हुए पैसे ड्रग्स और विभिन्न सेहत ख़राब करने वाले शार्टकट्स पे खर्च देंगे ! और कुछ गिने चुने चैंपियन अमीर होते जाएंगे और जय्दातार खिलाडी गरीब और बीमार होते जायेगे ! और कोई दिन दूर नहीं जब हर हेल्थ क्लब एक चैम्प न बना कर कई बीमार बना रहा होगा और खेल बदनाम हो जाये गा !

.. बॉडीबिल्डिंग एक कला है और कलाकार भगवान या अल्लाह है ! और इस सच्चाई को मान कर चले की दुनिआ में कोई भी तरीका नहीं है जिससे अपने कुदरती शरीर को १० से २० प्रतिशत से ज्यादा अच्छा नहीं कर सकते और वो भी टेम्पररी क्यों की अगर हम व्यायाम या शार्ट कट्स छोड़ेगे तो वापिस पहले जैसे हो जाए गे! और अगर हम ने शरीर ख़राब चीजो से बनाया है तो शरीर तो जायेगा ही साथ में जल्दी मरने के लिए विभिन्न बिमारियों का साथ भी मिल जाएगा ! ……. डॉ. रणधीर हस्तीर

RELATED ARTICLES

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Please note, comments must be approved before they are published