क्यों ज़रूरी - लो कार्ब डाइट

क्यों ज़रूरी - लो कार्ब डाइट

लो-कार्ब डाइट एक आहार योजना है जो आपके आहार में कार्बोहाइड्रेट की सामग्री सीमित करके वजन कम करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करती हैं। आपकी डाइट में कैलोरी प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट वसा से आती है जो आप खाते हैं। खाद्य पदार्थ जो कार्ब को नियंत्रित करता है, उसमें स्टार्चयुक्त और शर्करायुक्त(प्राकृतिक और रिफाइंड शूगर दोनों) भोजन जैसे कि रोटी, पास्ता, चावल, मकई, मिठाई, फल, और सब्जियां शामिल हैं। लो-कार्ब डाइट में आपको उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थ खाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जैसे कि दूध, अंडे और पनीर और पनीर, और फल और अनाज सहित उच्च कार्बोहाइड्रेट खाद्यपदार्थ।

लो कार्ब डाइट लेने के लाभ लो-कार्ब डाइट वजन घटाने को बढ़ावा देने में प्रभावी होती दिखाई देती हैं, वजन कम करने के अलावा, लो-कार्ब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करती है। प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट सहित किसी भी चीज की अधिकता आपको अतिरिक्त कैलोरी देती हैं और ये अतिरिक्त कैलोरी वसा में बदल शरीर में संग्रहीत होने और वजन के बढने और मोटापे का परिणाम होता हैं।

ऊर्जा प्राप्त करने का माध्यम कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा प्राप्त करने का सीधा उपाय है क्योंकि शरीर को चलाने के लिए ऊर्जा ही ही आवश्यकता होती है और इसके लिए कार्बोहाइड्रेट ही उच्च माध्यम है | जब आप एक ग्राम का सेवन करते हो तब आपको 4 कैलोरी मिलती है | ग्लूकोस के द्वारा शरीर ऊर्जा ग्रहण करता है और शरीर कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोस में बदल देता है ताकि उसका उपयोग किया जा सके |

दिल के रोगों को रखे दूर कम कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन खाने से दिल के रोगों को दूर करने में छुटकारा मिलता है | दिल के रोगों को दूर करने के लिए ताजे फल सब्जियां युक्त भोजन , साबुत अनाज जैसे चोकर , जौं अदि का सेवन करे क्योंकि इनमे फाइबर युक्त कार्बोहाइड्रेट होते है जो आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करते है |

बवासीर के रोगों के लिए बवासीर के रोगियों के लिए कार्बोहाइड्रेट बहुत आवश्यक है क्योंकि इससे ग्लूकोस के स्तर को नियंत्रित करने में बहुत सहायता मिलती है | इसलिए ऐसा फाइबर युक्त आहार का सेवन करे जो खून में मौजूद शर्करा को नियंत्रित करे |

ज्यादा लो कार्ब डाइट लेने के नुकसान

गैस्ट्रोइन्टेस्टनल या जठरांत्र संबंधी जटिलताएं- ज्यादा लो कार्ब डायट को लेने के बाद लगभग 12 से 15 फीसदी लोग दस्त, उल्टी, कब्ज और पेट दर्द जैसी पेट से जुड़ी जटिलताओं की शिकायत करते हैं। लीवर डिस्फंगक्शन- लंबे समय तक लो कार्बोहाइड्रेट वाली डायट लेने से नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज का भी खतरा होता है। इसका कारण यह है कि लीवर फैट और प्रोटीन से ग्लूकोज का उत्पादन करने लगता है जिससे अमोनिया के बढ़ने का खतरा होता है। विटामिन और पोषक तत्वों की कमी- इस डायट को लेने से व्यक्ति में कैल्शियम, मैग्नीशियम और एमिनो एसिड का लेवल कम हो सकता है। इसके अलावा विटामिन बी 12 और विटामिन डी की कमी हो सकती है। इलेक्ट्रोलाइट की गड़बड़ी- इस डायट से इलेक्ट्रोलाइट की हानि हो सकती है जिससे मांसपेशियों में ऐंठन और थकान हो सकती है।

मस्तिष्क के लिये क्यों ज़रूरी है कार्बोहाइड्रेट: हमारा दिमाग 24 घंटे काम करता रहता है इसमें उपस्थित लाखों न्यूरॉन हर समय इलेक्ट्रिक सिग्नल्स को भेजते और ग्रहण करते रहते हैं तब भी जब आप सो रहे होते हैं। इसलिए इन सब कामों के लिए मस्तिष्क को ग्लूकोज की ज़रूरत पड़ती है जो कि ईधन की तरह काम करता है। याद रखिये की आपके शरीर का 50% ग्लूकोज सिर्फ आपके मस्तिष्क द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। इसीलिए बच्चों को स्कूल जाते समय कार्बोहाइड्रेट से भरपूर चीजों को खाने की सलाह दी जाती है। यही चीज वयस्क लोगों पर भी लागू होती है इसलिए कार्बोहाइड्रेट हमारे दिमाग के लिए बहुत ज़रूरी है।

एक दिन में कार्बोहाइड्रेट की कितनी मात्रा ज़रूरी है? किसी भी व्यक्ति के लिये कार्बोहाइड्रेट की कितनी मात्रा ज़रूरी है यह उसके लम्बाई,वजन,लिंग और उसके काम करने की क्षमता पर निर्भर करता है। सही मायनों में एक सामान्य इंसान के दिमाग और बाकी अंगों को सुचारू रूप से चलाने के लिये लगभग 130 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की ज़रूरत पड़ती है। हालाँकि किसी-किसी को 130 से 300 ग्राम तक की भी ज़रूरत पड़ सकती है यह उसके अपनी ज़रूरतों पर निर्भर करता है। कार्बोहाइड्रेट से भरपूर चीजों का चुनाव करते समय ध्यान रखें कोशिश करें की ब्राउन राइस, गेहूं, ज्वार, बाजरा, रागी, दाल और ओट्स इन चीजों का अधिक सेवन करें। रिफाइंड कार्बोहायड्रेट वाली चीजों जैसे कि मिठाइयाँ, बेकरी आइटम्स, सफ़ेद पास्ता का सेवन न करें। यहाँ हम आपको ऐसा डाइट प्लान बता रहे हैं जिससे आपको आसानी से 130 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मिल जायेगा। ब्राउन ब्रेड के 2 स्लाइसेज – 30 ग्राम 1 फल (संतरा या सेब ) – 10 ग्राम 1 कप दूध – 10 ग्राम 4 मध्यम साइज़ की चपाती (2 लंच में और 2 डिनर में) – 80 ग्राम 1 मध्यम साइज़ का आलू – 20 ग्राम 1 छोटी कटोरी चावल – 20 ग्राम

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