ज्यादातर लोग ये सोचते है क्लब में आने वाले तगड़े बॉडी बिल्डर बढ़िया कोच होंगे और उनके साथ वाय्यम् करके हर कोई तगड़ा हो सकता है यह बिलकुल झूठ है | हो सकता है वह आपको अपने शरीर के अनुसार व्ययाम करवाये जो की उसको ठीक बैठता हो और उसके शरीर के अनुसार ठीक हो| यह जरूरी नहीं है वो प्रोग्राम आपके लिए बिलकुल फायदेमंद हो और ज्यादा खुराक, महंगे सप्लीमेंट व खतरनाक दवायें देकर आपकी सेहत व जेब का नुकसान कर दे और आप बॉडीबिल्डिंग से डरने लगे |
क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि आपके स्कूल या कॉलेज कि समय में आपकी कलास में एक दो ऐसे नटखट , शैतान , लापरवाह , हर खेल में या तरह -तरह की गतिविधयों में हिस्सा लेने वाले छात्र होते हैं हमेशा पढ़ाई में भी अव्वल आतें थे |यह विधार्थी किसी खास मिटटी कि बने होते हैं जिन्हे हम आसाधारण टैलेंट वाले विधार्थी मानते है जो धीरे धीरे अपनी गुणवत्ता के सहारे कहीं न कहीं मंजिल पर जा पहुंच जाते हैं |अगर आम विधार्थी उनकी सब हरकतों का उनुसरण करें या उनके साथ बैठकर पढाई भी कर लें तो उन जैसे नहीं बन सकते क्योंकि वो वैसे कुदरती टैलेंटिड नहीं होते और वो जीवन में पीछे रह जाते है |
इसी तरह बॉडी बिल्डिंग में भी चैंपियन लोग अथाह कुदरती टैलेंट के मालिक होते हैं और दूसरों से पर्फॉर्मन्स में कम मेहनत करके भी कहीं आगे निकल जातें हैं परन्तु उनकी कामयाबी का राज ५० प्रतिशत कुदरती जेनेटिक्स होता है , ३० प्रतिशत मेहनत होती है और २० प्रतिशत किस्मत होती है | आमतौर पर
चैंपियन टाइप लोग जरूरी नहीं कि ठीक और वैज्ञानिक ढंग से व्यायाम करें और इसलिए दूसरे लोग उनका उनुसरण करने पर चैंपियन नहीं बन पातें |इसलिए चैंपियन ग्रेट हो सकतें है कोच नहीं |कोच यानि कि बॉडी बिल्डिंग ज्ञान आवश्यक है ? एक अच्छा कोच बनने कि लिए यह जरूरी नहीं कि वो बहुत जबरदस्त राष्ट्रीय या अंतराष्ट्रीय चैंपियन हो | बॉडी बिल्डिंग के संदर्भ में हम बात करें तो वैज्ञानिक ढंग तथा ट्रेनिंग-डाइट तथा आराम पर निर्भर करता है
अगर पर्याप्त ट्रेनिंग आराम व खुराक ठीक ढंग से ली जाये तो हर आदमी अपनी शारीरिक क्षमता कई गुणा बढ़ा सकता है |यह जरूरी नहीं है कि हर आदमी चैंपियन बन जाए जबकि यह बिलकुल ठीक है कि हर आदमी ठीक तरह से किए गए वैज्ञानिक ढगों से अपने शरीर को साइज ,मस्कुलैरिटी , ताकत तथा बढ़िया आकार मिल सकता है |
Dr. RANDHIR HASTIR